कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक, गेहूं की बुवाई के समय किसान एक बड़ी गलती कर देते हैं, जिसके कारण फसल की पैदावार और गुणवत्ता दोनों पर प्रभाव पड़ता है।
कृषि वैज्ञानिक डॉ. राजीव सिंह के मत के मुताबिक, किसान अक्सर सिंड्रिल मशीन में गेहूं का बीज और खाद दोनों को एक साथ डाल देते हैं। यह तरीका गलत है, क्योंकि खाद का रासायनिक असर बीज को नुकसान पहुंचाता है।
कई बार बीज अंकुरित ही नहीं होते या कमजोर पौधे निकलते हैं। इससे पैदावार में गिरावट आती है और किसानों को आर्थिक से संबधिंत जोखिम उठाना पड़ता है।
उन्होंने बताया कि बाजार में अब दो पेटी वाली सिंड्रिल मशीनें उपलब्ध हैं। इस मशीन की विशेषता यह है कि इसमें एक पेटी में बीज और दूसरी पेटी में खाद डाली जाती है।
जब बुवाई होती है तो बीज और खाद अलग-अलग गहराई पर मिट्टी में जाते हैं। इससे बीज को आरंभिक विकास के लिए पर्याप्त पोषण मिलता है और अंकुरण भी एक समान होता है।
डॉ. सिंह के मत के अनुसार, जिन किसानों के पास दो पेटी वाली सिंड्रिल उपलब्ध नहीं है, वे पहले खेत में खाद को समान रूप से फैला दें।उसके बाद गेहूं की बुवाई करे।
ऐसा करने से बीज सीधे खाद के संपर्क में नहीं आता और जड़ें मजबूत बनती हैं। इससे पौधा ज्यादा हरा-भरा और स्वस्थ रहता है।
बीज और खाद को एक साथ डालने पर एक और समस्या आती है। खाद की मात्रा कुछ जगह अधिक और कुछ जगह कम रह जाती है। इससे फसल असमान रूप से बढ़ती है।
कुछ पौधे तेजी से बढ़ जाते हैं जबकि कुछ कमजोर रह जाते हैं। इसका प्रभाव उत्पादन पर पड़ता है।