बता दें कि, हरियाणा में जमीन की ऑनलाइन रजिस्ट्री शुरू होने के बाद अब पूरे प्रदेश में हरियाणा दिवस (एक नवंबर) से डीड पंजीकरण भी ऑनलाइन किया जाएगा।
29 सितंबर को कुरुक्षेत्र जिले की बबैन उप तहसील से शुरू हुआ पायलट प्रोजेक्ट सफल रहने के बाद अब अगले चरण में 28 अक्टूबर से अंबाला, यमुनानगर, करनाल, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, फरीदाबाद, फतेहाबाद, पलवल, जींद और झज्जर में ऑनलाइन डीड पंजीकरण होगा।
इसके पश्चात एक नवंबर से भिवानी, चरखी दादरी, गुरुग्राम, हिसार, कैथल, नूंह, पंचकूला, पानीपत, रोहतक, सिरसा और सोनीपत में भी नई प्रणाली अपनाई जाएगी।
जमीन की डीड (जैसे सेल डीड) वह कानूनी दस्तावेज है जो संपत्ति के स्वामित्व को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को हस्तांतरित करता है। रजिस्ट्री उस डॉकोमेंट को सरकारी कार्यालय (उप-पंजीयक कार्यालय) में पंजीकृत करने की प्रक्रिया है ताकि यह कानूनी रूप से मान्य हो जाए और सार्वजनिक रिकॉर्ड का हिस्सा बन जाए।
ऑनलाइन डीड रजिस्ट्रेशन के लिए https://eregistration.revenueharyana.gov.in/ पोर्टल पर लाग इन किया जा सकता है। नई व्यवस्था आरंभ होने के बाद मौजूदा प्रणाली स्थायी रूप से बंद कर दी जाएगी।
इस सुविधा के बाद हरियाणा देश में शत-प्रतिशत कागज रहित संपत्ति पंजीकरण प्राप्त करने वाला पहला राज्य बन जाएगा। नागरिक सुरक्षित ओटीपी प्रमाणीकरण के माध्यम से अपनी पहचान पंजीकृत और वेरिफाइंग कर सकते हैं।
वित्त आयुक्त राजस्व डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि नई प्रणाली आवासीय, कृषि, सरकारी, पंचायती और रक्षा स्वामित्व वाली भूमि, अपार्टमेंट की बिक्री और सह-स्वामित्व हस्तांतरण सहित सभी प्रकार की संपत्ति को समायोजित करती है।
ग्रामीण क्षेत्रों, नगरपालिका सीमा के भीतर शहरी क्षेत्रों और नगरपालिका सीमा के बाहर शहरी क्षेत्रों के लिए अलग-अलग वर्क फ्लो डिजाइन किए गए हैं।
यह पोर्टल एक मजबूत त्रि-स्तरीय वेरिफाइंग प्रणाली का इस्तेमाल करता है, जिसमें पंजीकरण क्लर्क-वन (RC1), पंजीकरण क्लर्क-टू (RC2) और उप-पंजीयक शामिल हैं। प्रत्येक चरण में डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणीकरण, पक्षों और गवाहों का फोटो वेरिफाइंग, आवेदकों को स्वचालित स्थिति सूचनाएं और सुरक्षित ऑनलाइन भुगतान शामिल हैं।
ऑनलाइन वेरिफाइंग हो जाने के बाद नागरिकों को केवल एक बार अंतिम बायोमेट्रिक वेरिफाइंग और विलेख निष्पादन के लिए पंजीकरण कार्यालय जाना होगा।
उप-पंजीयक द्वारा अनुमोदन के बाद सिस्टम स्वचालित रूप से पंजीकृत डॉकोमेंट की तीन प्रतियां तैयार करता है। एक नागरिक के लिए, एक आधिकारिक रिकार्ड के लिए और एक इलेक्ट्रानिक रूप से पटवारी को तत्काल नामांतरण और भूमि रिकॉर्ड अपडेट के लिए।
नागरिकों और संपत्ति डीलरों को सलाह दी जा रही है कि वे इस समय नए स्टाम्प पेपर न खरीदें, क्योंकि कागज रहित प्रणाली भौतिक स्टांप की जरुरतों को समाप्त कर देगी।
नई तकनीकी की सहायता से लोग हेल्पलाइन नंबर 1800-180-2137 पर संपर्क कर सकते हैं या nodalofficer-it@revhry.gov.in पर ईमेल भेज सकते हैं। राजस्व विभाग ने संक्रमण कॉल (ट्रांजिसन पीरिएड) के दौरान उपयोगकर्ताओं की सहायता के लिए जिला-स्तरीय हेल्प डेस्क भी स्थापित किए हैं।