Haryana ka Mausam : हरियाणा में इस बार ठंड तोड़ सकती है 15 सालों का रिकार्ड, प्रदूषण के चलते इन जिलों में ग्रैप-1 लागू

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Haryana Cold wave hits, Grape 1 implemented, smog increases

Haryana ka Mausam : हरियाणा में समय से पहले ठंड की आहट हो गई है मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि इस बार ठंड पिछले 15 सालों का रिकार्ड तोड़ सकती है, क्योंकि अक्तूबर महीने में ही रात का तापमान 16 डिग्री के करीब गया है नवंबर महीने में तापमान 16 डिग्री के आसपास पहुंचता था हालांकि दिन में अभी भी गर्मी महसूस की जा रही है लेकिन आगामी कुछ दिनों में मौसम में परिवर्तन (Haryana ka Mausam) देखने को मिलेगा वहीं प्रदूषण का स्तर भी अब बढ़ने लगा है, इसलिए NCR में ग्रैप-1 लागू कर दिया गया है

बता दें कि पिछले दिनों पश्चिमी विक्षोभ् के चलते प्रदेश भर में 30 एमएम के करीब बारिश हुई थी इसके बाद से ही रात का तापमान लगातार गिरता जा रहा है अब न्यूनतम तापमान 15.7 डिग्री चुका है अगर चार से पांच डिग्री और तापमान नीचे इस माह गया तो यह 15 साल का सबसे न्यूनतम तापमान होगा इससे पहले 2010 में अक्तूबर माह में तापमान 10 डिग्री था

Haryana ka Mausam : पहाड़ों में बारिश का असर, मैदानी इलाकों पर 

मौसम वैज्ञानिक डॉ. शिवेंद्र सिंह के अनुसार पहाड़ों पर बर्फबारी के बाद उत्तर-पश्चिम हवाओं के कारण हिसार और गुरुग्राम का न्यूनतम तापमान सबसे कम रहा, जिससे ठंड (Haryana ka Mausam change)का एहसास हो रहा है। अधिकतम तापमान की बात की जाए तो नूंह में अधिकतम तापमान 33.4 डिग्री सेल्सियस रहा।

यमुनानगर में अधिकतम तापमान 27.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से लगभग 6 डिग्री कम है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार यह मौसम सरसों की फसलों की बुआई के लिए बिल्कुल उपयुक्त है। किसानों को इस मौसम में सरसों की अच्छी किस्म की बुआई करनी चाहिए, ताकि पैदावार अच्छी हो।

Mausam Update Grap-1 : दिल्ली NCR में ग्रैप-1 लागू

दिवाली के आसपास आबोहवा खराब होने लगती है और इसमें प्रदूषण के कण (Haryana ka Mausam) बढ़ जाते हैं, क्योंकि नमी के कारण मौसम इस मिजाज का हो जाता है कि प्रदूषण के महीन कण तो आसमान में जा पाते हैं और ही जमीन पर, ये हवा में तैरते रहते हैं, इससे प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है और आंखों में जलन होने लगती है। दिल्ली एनसीआर में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की ओर से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के पहले चरण को लागू कर दिया है।

ग्रेप के पहले चरण में धूल उड़ाने वाली गतिविधियों से बचना, कचरा न जलाना और सार्वजनिक परिवहन का अधिक उपयोग करना उपाय करने होंगे। जब एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 201 से 300 के बीच पहुंच जाता है तो ग्रेप का पहला चरण लागू होता है।

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